पांचवे लॉकडाउन को लेकर महाराष्ट्र सरकार ने जारी किया दिशा निर्देश |

देश के कई राज्यों के साथ महाराष्‍ट्र सरकार ने भी प्रदेश में लॉक लॉकडाउन को 30 जून तक बढ़ा दिया है। और लॉक डाउन के इस हिस्से का नाम ‘मिशन बिगिन अगेन’ रखा है। आपको बता दें कि 1 जून से महाराष्‍ट्र में एसेंशियल सर्विसेस को छोड़कर पूरे प्रदेश में रात 9 बजे से सुबह 5 बजे तक कर्फ्यू लागू रहेगा। साथ ही सीएम उद्धव ठाकरे ने अधिकारियों को कोरोना केस के सही आंकड़े रखने का सख्त निर्देश दिया है जिससे कोरोना का कोई भी केस छुपाया ना जा सके। ज़ाहिर तौर पर केंद्र सरकार ने पांचवे चरण में कई रियायतें देते हुए अनलॉक के पहले हिस्से की घोषणा की है।

3 जून से पहले चरण की शुरुआत की जाएगी। इसमें लोगों को खुली जगह जैसे ग्राउंड, गार्डन, बीच पर जॉगिंग, साइकिलिंग और रनिंग करने की इजाज़त होगी। हालांकि सैर और कसरत करने वालों को सुबह 5 से शाम 7 बजे तक की ही मंजूरी होगी।साथ ही जरूरत के वक़्त प्लम्बर, इले‍क्ट्रिशन और पेस्ट कंट्रोल और गैराज खोलने की भी इज़ाजत दी गई है। वही सरकारी ओफिसेस में 15 फीसदी से ज़्यादा कर्मचारियों की उपस्थिति की अनुमति नही है।

वहीं दूसरा चरण 5 जून से शुरू होगा जिसमें ऑड ईवन के आधार पर मार्केट एरिया, दुकानो को खोलने की अनुमति होगी। हालांकि फिलहाल मॉल खोलने की अनुमति नहीं है। साथ ही मार्केट एरिया में लोगों को सोशल डिस्‍टेंसिंग को ध्यान में रखना होगा और इसका उल्लंघन होने पर मार्केट को शट डाउन किया जा सकता हैं। वही सीमित सवारियों के साथ टैक्सी, रिक्शा और कैब को अनुमति दी जाएगी।

8 जून से तीसरे फेज़ की शुरुआत होगी। प्राईवेट आफिसेज़ में 10 फीसदी से ज़्यादा कर्मचारी काम नही कर सकेंगे। साथ ही प्रदेश के अंदर 50 फीसदी प्रवासियों के साथ बस चलाने की इज़ाजत होगी। एक जिले से दूसरे जिले में बस नहीं चल सकेंगी। वहीं सिनेमा हॉल, जिम, स्विमिंग पूल धार्मिक संस्थाओं, स्कूल और शैक्षणिक संस्थाएं, मेट्रो रेल, अंतराष्ट्रीय उड़ान, पैसेंजर ट्रेन, को अभी तक कोई इज़ाजत नहीं दी गई है।

ज़ाहिर तौर पर महाराष्‍ट्र की हालत देश भर में सबसे ज़्यादा खराब है। प्रदेश में इस समय तकरीबन 64 हज़ार 168 कोरोना के मामले आ चुके हैं। वहीं अब तक तकरीबन 22 सौ लोगों ने कोरोना की वजह से अपनी जान गंवा दी है जबकि 28081 मरीज रिकवर भी हो चुके हैं। प्रदेश में फिलहाल 3 हज़ार से ज़्यादा कंटेनमेंट ज़ोन हैं जबकि साढे पांच लाख से ज़्यादा लोग होम क्‍वारंटीन हैं। वहीं 7500 से ज़्यादा मरीज़ क्‍वारंटीन सेंटर में हैं।

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