“भारतीय ट्रैक ऍण्ड फ़ील्ड की रानी” माने जाने वाली उड़नपरी “पी॰ टी॰ उषा” के जन्मदिन पर पढ़ें उनके बारे में..

कहा जाता है कि प्रतिभा किसी सुविधा की मोहताज नहीं होती। प्रतिभावान इंसान उस सूरज के समान है जो समस्त संसार को अपनी रौशनी से चकाचौंध कर देता है। आज हम बात कर रहे हैं भारत की शान, उड़न परी पिलावुळ्ळकण्टि तेक्केपरम्पिल् उषा यानि पी. टी. उषा की, जिन पर हर भारतीय को नाज होना चाहिए। पी. टी. उषा ने अब तक 101 अंतर्राष्ट्रीय पदक जीते हैं और वो एशिया की सर्वश्रेष्ठ महिला एथलीट मानी जाती हैं। पी. टी. उषा की उपलब्धियों को एक लेख में लिखना तो सम्भव ना…

27 जून की प्रमुख घटनाएं | जानें इस दिन इतिहास में घटित हुई सारी घटनाएं | सामान्य ज्ञान |

27 जून का इतिहास 🎯1693 – महिलाओं की पहली पत्रिका “Ladies’ Mercury” लंदन में प्रकाशित हुई 🎯1946 – कनाडाई संसद ने कनाडाई नागरिकता अधिनियम में कनाडाई नागरिकता को परिभाषित किया 🎯1950 – संयुक्त राष्ट्रसंघ सुरक्षा परिषद् का प्रस्ताव अपनाया गया 🎯1957 – ब्रिटेन की मेडिकल रिसर्च काउंसिल ने एक रिपोर्ट जारी की जिसमें बताया गया कि धूम्रपान की वजह से फेफड़ों का कैंसर हो सकता है। ये रिपोर्ट 25 साल के शोध पर आधारित थी 🎯2002 – जी-8 देश परमाणु हथियार नष्ट करने की रूसी योजना पर सहमत 🎯2003 –…

आखिरी सांस तक मुगल साम्राज्य के दांत खट्टे कर देने वाली वीरांगना रानी दुर्गावती | जानें उनका इतिहास

महान वीरांगना,कुशल रणनीतिज्ञा, अपने युद्धकौशल और पराक्रम से सीमित संसाधनों के साथ विशाल मुगल साम्राज्य के दांत खट्टे करने वाली वीरांगना रानी दुर्गावती ही है। भारत भूमि पर वैसे तो एक से बढ़कर एक वीर योद्धाओं ने जन्म लिया है। लेकिन यहां की वीरांगनाओं की वीर गाथाएं भी किसी से कम नहीं हैं। ऐसी ही एक वीरांगना थी रानी दुर्गावती। जो जल जंगल और पहाड़ों की रानी कही जाती थी। वो गढ़ मंडला से लेकर महाकोशल पर राज करती थी। इसी बात से खिन्न मुगल राजा अकबर ने मध्यभारत में…

अंग्रेजों के विरूद्ध क्रांन्ति का शंखनाद करने वाल महान क्रान्तिकारी बिरसा मुंडा |

वनवासी समाज के अन्दर राष्ट्रभक्ति की भावना भर अंग्रेजों के विरूद्ध क्रांन्ति का शंखनाद करने वाल महान क्रान्तिकारी,भारत माँ को गुलामी की बेड़ियों से स्वतंत्र कराने हेतु अपने प्राणों को उत्सर्ग करने वाले बलिदानी वीर बिरसा मुण्डा जी का आज बलिदान दिवस है. उनके जीवन चरित्र पर पढ़िए यह विशेष आलेख Dearfact.com पर… बिरसा मुंडा भारत के एक आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी और लोक नायक थे जिनकी ख्याति अंग्रेजो के खिलाफ स्वतंत्रता संग्राम में काफी हुई थी | उनके द्वारा चलाया जाने वाला सहस्राब्दवादी आंदोलन ने बिहार और झारखंड में खूब…

“पृथ्वीराज रासो” के पृथ्वीराज को, जयंती पर शत-शत नमन

पृथ्वीराज का पूरा जीवन शौर्य, साहस, शिष्ट कर्म और गौरवशाली कारनामों की एक सतत श्रृंखला है। दिल्ली की गद्दी पर बैठने वाले चौहान वंश के अंतिम शासक पृथ्वीराज चौहान का जन्म, आज ही के दिन सन् 1168 में, अजमेर के राजा सोमेश्वर चौहान के पुत्र के रूप में हुआ था। पृथ्वीराज ने बहुत कम आयु में ढ़ेर सारी उपलब्धियां हासिल कर ली थी। अपनी पिता की मृत्यु के बाद पृथ्वीराज मात्र तेरह वर्ष की आयु में अजमेर के सिंहासन पर बैठे थे। प्रतिभाशाली पृथ्वीराज सैन्य कौशल सीखने में बहुत तेज…

वृंदावन के चींटे और एक संत | पढ़िए एक सत्यकथा

एक सच्ची घटना सुनिए एक संत की वे एक बार वृन्दावन गए वहाँ कुछ दिन घूमे फिरे दर्शन किए जब वापस लौटने का मन किया तो सोचा भगवान् को भोग लगा कर कुछ प्रसाद लेता चलूँ.. . संत ने रामदाने के कुछ लड्डू ख़रीदे मंदिर गए.. प्रसाद चढ़ाया और आश्रम में आकर सो गए.. सुबह ट्रेन पकड़नी थी . अगले दिन ट्रेन से चले.. सुबह वृन्दावन से चली ट्रेन को मुगलसराय स्टेशन तक आने में शाम हो गयी.. . संत ने सोचा.. अभी पटना तक जाने में तीन चार घंटे…

महाराणा प्रताप के 10 विचार, जो अनुकरणीय है…

महाराणा प्रताप के 10 विचार, जो अनुकरणीय है… मातृभूमि और अपने मां में तुलना करना और अन्तर समझना निर्बल और मूर्खों का काम है. समय इतना बलवान है कि राजा को भी घास की रोटी खिला सकता है. ये दुनिया कर्म करने वालों को ही पसंद करती है. इसलिए कर्म करो. हार आपसे आपका धन छीन सकती है लेकिन आपका गौरव नहीं. जो बुरे वक्त से डर जाते है उन्हें न सफलता मिलती है और न ही इतिहास में जगह. अगर इरादा नेक हो तो इंसान कभी हार नहीं सकता…

जानिए कौन थे वीर भूमि राजस्थान के सपूत महाराणा प्रताप ।

नाम – कुँवर प्रताप जी (श्री महाराणा प्रताप सिंह जी) जन्म – 9 मई, 1540 ई. जन्म भूमि – कुम्भलगढ़, राजस्थान पुण्य तिथि – 29 जनवरी, 1597 ई. पिता – श्री महाराणा उदयसिंह जी माता – राणी जीवत कँवर जी राज्य – मेवाड़ शासन काल – 1568–1597ई. शासन अवधि – 29 वर्ष वंश – सुर्यवंश राजवंश – सिसोदिया राजघराना – राजपूताना धार्मिक मान्यता – हिंदू धर्म युद्ध – हल्दीघाटी का युद्ध राजधानी – उदयपुर पूर्वाधिकारी – महाराणा उदयसिंह उत्तराधिकारी – राणा अमर सिंह अन्य जानकारी – महाराणा प्रताप सिंह जी…