मिसाइल मैन डॉ० कलाम की पांचवीं पुण्यतिथि आज, याद कर रहा पूरा देश

मिसाइल मैन डॉ० कलाम की पांचवीं पुण्यतिथि आज, याद कर रहा पूरा देश


“कोई पत्थर नही…हमने हीरा खोया था..
सादगी की मिसाल था..वो कबीरा खोया था..
कोई ये ना समझे की..सिर्फ कलाम गुजरे थे.
हमने हुनर के हथियारों का..जखीरा खोया था..

अजातशत्रु, युग-ऋषि, विज्ञान-गन्धर्व कलाम साहब के जीवन में कमाल का वैविध्य था। वीणा के तार छेड़ते कलाम अलग ही थे, भारत को अग्नि की उड़ान देने वाले वैज्ञानिक कलाम कुछ और ही थे, दुनिया भर के धर्म-ग्रंथों को अपने जिव्हाग्र पर रखने वाले कलाम दूसरे ही थे, छोटे बच्चों के साथ खेलते-कूदते हँसते-खिलखिलाते कलाम का अपना ही रंग था। इन सब का समग्र एक में होना उस दीवानगी का नाम है, जिसका नाम है एपीजे अब्दुल कलाम। हमारे सबसे प्रिय गुरु डाक्टर एपीजे अब्दुल कलाम साहब की पांचवी पुण्यतिथि पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि। 🙏🇮🇳️❤️

लाखों बच्चों एवं युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत स्वर्गीय डाॅ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जी ने अपना पूरा जीवन कड़ी मेहनत, लगन और उत्साह के साथ देश की सेवा में लगा दिया। एक वैज्ञानिक, मिसाइल मैन और राजनेता के रूप में आधुनिक भारत के निर्माण में डाॅ. कलाम का योगदान हमेशा याद किया जाएगा।

जानिए डॉ एपीजे अब्दुल कलाम से संबंधित कुछ रोचक तथ्य

🎯डॉक्टर कलाम ने भारत के विकास स्तर को 2020 तक विज्ञान के क्षेत्र में अत्याधुनिक करने के लिए एक विशिष्ट सोच प्रदान की। यह भारत सरकार के ‘मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार’ भी रहे।

🎯भारत रत्न (1997), 🎯पद्म विभूषण (1990), 🎯पद्म भूषण (1981), 🎯इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय एकता पुरस्कार एवं देशी-विदेशी कई विश्वविद्यालयों से मानद डॉक्टरेट की उपाधि।

🎯अब्दुल कलाम का पूरा नाम ‘अवुल पाकिर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम’ था।
🎯1992 से 1999 तक कलाम रक्षा मंत्री के रक्षा सलाहकार भी रहे थे।
🎯इन्हें “मिसाइल मैन” के नाम से भी संबोधित किया जाता है। डॉक्टर अब्दुल कलाम को प्रोजेक्ट डायरेक्टर के रूप में भारत का पहला स्वदेशी उपग्रह SLV-3 प्रक्षेरपास्त्र बनाने का श्रेय हासिल है।
-🎯अब्दुल कलाम 26 मई 2006 को स्विट्ज़रलैंड की यात्रा पर गये थे, तो स्विट्ज़रलैंड सरकार ने उस दिन को “विज्ञान दिवस” घोषित किया, जो डॉ. आज़ाद को समर्पित है।
-🎯 डॉ. कलाम साल 1962 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) में आये थे, जहाँ उन्होंने सफलतापूर्वक कई उपग्रह प्रक्षेपण परियोजनाओं में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
-🎯 उन्होंने भारत के पहले स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण यान एसएलवी 3 के निर्माण में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे जुलाई 1982 में रोहिणी उपग्रह सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया गया था।
– 🎯भारत सरकार द्वारा उन्हें 1981 में ‘पद्म भूषण’ और 1990 में ‘पद्म विभूषण’ सम्मान भी प्रदान किया गया था।
– 🎯जुलाई 1992 में वे भारतीय रक्षा मंत्रालय में वैज्ञानिक सलाहकार नियुक्त हुये। उनकी देखरेख में भारत ने 1998 में पोखरण में अपना दूसरा सफल परमाणु परीक्षण किया और परमाणु शक्ति से संपन्न राष्ट्रों की सूची में शामिल हुआ।
– 🎯भारत सरकार ने साल 1997 में कलाम साहब को भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न ‘ भी प्रदान किया गया जो उनके वैज्ञानिक अनुसंधानों और भारत में तकनीकी के विकास में अभूतपूर्व योगदान हेतु दिया गया था।
-🎯 ये भारत के एक विशिष्ट वैज्ञानिक हैं, जिन्हें 30 विश्वविद्यालयों और संस्थानों से डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्राप्त हो चुकी है।

#पुस्तकें

🎯’विंग्स ऑफ़ फ़ायर’ (जीवनी), 🎯’इण्डिया 2020- ए विज़न फ़ॉर द न्यू मिलेनियम’, 🎯भारत की आवाज़, 🎯टर्निंग प्वॉइंट्स, 🎯हम होंगे कामयाब।

#APJAbdulKalam

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