कैसे करें रुद्राभिषेक, जानें महादेव शिव के रुद्राभिषेक से होने वाले अठारह लाभ | संत श्री मणिरामदास महाराज

(१) इत्र मिले जल से अभिषेक करने से बीमारी नष्ट हो जाती हैं।
(२) निः संतान को संतान प्राप्ति के लिए गो दुग्ध से रुद्राभिषेक करना चाहिए।
(३) रुद्राभिषेक करने से योग्य सुपुत्र की प्राप्ति होती है।
(४) ज्वर के ताप से बचने के लिए गंगा जल से अभिषेक करना चाहिए।
(५) वंश के विस्तार के लिए सहस्रनाम का पाठ करते हुए घी से रुद्राभिषेक करें।
(६) प्रमेह आदि रोगों से शांति हेतु दुग्ध से रुद्राभिषेक करें।
(७) शत्रु से निजात पाने के लिए सरसो के तेल से अभिषेक करना चाहिए।
(८) तपोदिक दूर करने के लिए शहद से अभिषेक करें।
(९) पातकों को नष्ट करने के लिए शहद से रुद्राभिषेक करें।
(१०) आरोग्य प्राप्ति की कामना के लिए गो दुग्ध तथा शुद्ध घी से रुद्राभिषेक करें।
(११) पुत्र की कामना हेतु शक्कर मिश्रित जल से अभिषेक करें।
(१२) विद्वान बनने की कामना हेतु शक्कर और दूध से अभिषेक करना चाहिए।
(१३) बारिश की कामना हेतु जल से अभिषेक करना चाहिए।
(१४) असाध्य रोगियों को रोग दूर करने के लिए कुशोदक से रुद्राभिषेक करना चाहिए।
(१५) मोछ प्राप्ति की कामना हेतु तीर्थो के जल से अभिषेक करना चाहिए।
(१६) धन प्राप्ति (लक्ष्मी) के लिए गन्ने के रस से रुद्राभिषेक करना चाहिए।
(१७) धन वृद्धि के लिए शहद एवं घी से रुद्राभिषेक करें।
(१८) भवन वाहन के लिए दही से रुद्राभिषेक करना चाहिए।


भागवत मधुकर पूज्य श्री मणिराम दास जी महराज
श्री धाम अयोध्या जी

Share Now

Related posts

Leave a Comment