दुश्मनों से लोहा लेने के लिये भारतीय सेना को मिली खुली छूट, 58 साल बाद हुआ ऐसा फैसला |

दुश्मनों से लोहा लेने के लिये भारतीय सेना को मिली खुली छूट, 58 साल बाद हुआ ऐसा फैसला |


पूर्वी लद्दाख में चीन के खड़े किये गये विवाद का लगभग पटाक्षेप हो चुका है। मगर इसके बाद भी केंद्र सरकार लगातार मसले पर निगहबानी कर रही है। इसी बीच सरकार ने तीनों सेनाओं को एक विशेष अधिकार दिया है। दरअसल रक्षा मंत्रालय ने सशस्त्र बलों को अपने आपातकालीन अभियानों की सभी जरूरतों को पूरा करने का अधिकार दिया है।

आपको बता दें कि, रक्षा मंत्रालय ने तीनों सेनाओं को 3 सौ करोड़ रुपये तक की पूंजीगत खरीददारी के खास हक़ से नवाज़ा है। जिससे कि ये सेनाएँ, मुश्क़िल वक़्त की सम्बंधित ज़रूरतों को पूरा कर सकें। सूत्रों के मुताबिक़ खरीददारी से जुड़े सामानों पर संख्या के लिहाज़ से किसी भी तरह की पाबंदी सेना पर नहीं लगाई गयी है। लेकिन एसेंशियल कैटिगरी के तहत प्रत्येक सेना की खरीददारी 3 सौ करोड़ रुपये से ज़्यादा की नहीं होनी चाहिए। ये फैसला रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली डीएसी की मीटिंग में हुआ है।

मंत्रालय के मुताबिक सीमा सुरक्षा की नज़र से सेनाओं की मजबूती के लिये ज़रूरतों के लिहाज़ से डीएसी की स्पेशल मीटिंग हुई। गौरतलब हैं कि पूर्वी लद्दाख में भारत चीन के विवाद के बाद से सेना के तीनों अंगों ने पिछले महज़ कुछ ही दिन में कई अलग अलग तरह के अस्त्र शस्त्रों, सैन्य प्रणालियों और सैन्य उपकरणों की खरीद अभी से ही शुरू कर दी है।

आपको याद दिला दें कि लद्दाख में चला बॉर्डर डिस्प्यूट के बीच केंद्र सरकार ने सेना को फ़्री हैंड कर दिया है। ताकि सीमा पर सेना, मौजूदा हालात को परखते हुए चीनी पीएलए को करारा जवाब दे सके। गौरतलब है कि 15 जून की रात को भारत और चीनी जवानों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। जिसमें भारत के 20 जवानों के शहीद होने की खबरें सामने आईं। उसी घटना के चलते चीन को इसका खामियाज़ा भुगतना पड़ा। लेकिन पैंतरेबाज़ ड्रैगन ने अपने इस बड़े नुकसान को विश्वपटल पर आने नही दिया।

इस घटना के बाद से ही दोनों देशों के बीच सीमा विवाद और भी ज़्यादा गहरा हो गया। चीन जहां एक तरफ भारत के साथ शांति बहाली पर बात कर रहा था। तो वहीं दूसरी तरफ सीमा पर अपनी सैन्य ताकतों की मज़बूती को तेज़ी से बढ़ाता जा रहा था। इस पूरे सीमा विवाद में भारत ने चीन को बाक़ायदा सबक सिखाया।आर्थिक रूप से चीन को झटका देते हुए 59 चाइनीज़ ऐप को भारत देश में पूरी तरह बैन कर गया दिया। भारत के कड़े तेवर देखने बाद ही चीन ने अपने पांव पीछे खींच लिये।

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