आईए जानते हैं प्रभु जगन्नाथ जी की रथयात्रा से जुड़ी कुछ रोचक बातें? बाल संत श्री मणिराम दास जी महराज

भगवान श्री जगन्नाथ जी की रथयात्रा आषाढ़ शुक्ल द्वितीया को जगन्नाथपुरी में आरंभ होती है। यह रथयात्रा पुरी का प्रधान पर्व है। इसमें भाग लेने के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुँचते है। इस रथयात्रा में भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा की प्रतिमाओं को तीन अलग-अलग दिव्य रथों पर नगर भ्रमण कराया जाता है। रथयात्रा मुख्य मंदिर से शुरू होकर तीन किलोमीटर दूर स्थित गुंडिचा मंदिर पर समाप्त होती है। जहां भगवान जगन्नाथ सात दिन तक विश्राम करते है। आषाढ़ शुक्ल दशमी को रथ यात्रा पुनः मुख्य…

क्यों लगाते हैं तिलक लगाने के बाद चावल ? जानें माथे पर चावल के दाने लगाने का रहस्य | बाल संत श्री मणिराम दास जी महराज

ये तो आपने अक्सर देखा होगा, कि जब आपके घर में कोई त्यौहार, शादी या पूजा का समय होता है, तो इसकी शुभ शुरुआत व्यक्ति को तिलक लगा कर की जाती है। जी हां ये तो सब को मालूम है कि पूजा के दौरान व्यक्ति को तिलक लगाया जाता है। क्यूकि तिलक लगाना शुभ माना जाता है। मगर क्या आपने कभी ये सोचा है कि तिलक लगाने के बाद व्यक्ति के माथे पर चावल क्यों लगाए जाते है! यकीनन आपको कभी ये सोचने की जरूरत ही नहीं पड़ी होगी। हालांकि…

नौ प्रकार के मसाले कैसे करते हैं नव ग्रहों का प्रतिनिधित्व |

नौ प्रकार के मसाले कैसे करते हैं, नव ग्रहों का प्रतिनिधित्व | बाल संत श्री मणिराम दास जी महराज (श्री धाम अयोध्या जी) 9 मसाले कौन-कौन कौन से हैं– और ये किस प्रकार ग्रहों का प्रतिनिधित्व करते है व इनके पीछे छिपी वैज्ञानिकता क्या है ? नमक (पिसा हुआ) सूर्य लाल मिर्च (पिसी हुई) मंगल हल्दी ,,,,,,, (पिसी हुई ) गुरु जीरा (साबुत या पिसा हुआ) राहु केतु 5 धनिया,,,,,, (पिसा हुआ) बुध काली मिर्च (साबुत या पाउडर) शनि अमचूर ,,,, (पिसा हुआ) केतु गर्म मसाला,. (पिसा हुआ) राहु मेथी,,,,,,,,,,,.…

22 जून से गुप्त नवरात्रि प्रारम्भ | जानें माता की पूजा और मनोकामना पूर्ति के सरल उपाय |

नौ दिनों तक चलने वाले गुप्त नवरात्र पर्व में माता के विभिन्न स्वरूपों की पूजा की जाती है और उन्हें प्रसन्न करने के लिए विभिन्न साधनाएं भी की जाती हैं। गुप्त नवरात्रि में मनचाही सफलता के लिए विशेष उपाय भी किए जाते हैं। वहीं तंत्र शास्त्र के अनुसार गुप्त नवरात्रि में किए गए उपाय जल्दी ही शुभ फल प्रदान कर सकते हैं। धन, नौकरी, स्वास्थ्य, संतान, विवाह, प्रमोशन आदि कई मनोकामनाएं इन 9 दिनों में किए गए उपायों से प्राप्त हो सकती है। मान्यता के अनुसार ये उपाय इस प्रकार…

गाय को भूलकर भी न खिलाएं बासी रोटी, ऐसा करना आपको बना सकता है कंगाल | बाल संत श्री मणिराम दास जी महराज (श्री धाम अयोध्या जी)

गाय को बासी रोटी देने वालों बरसों से करते आ रहे हो ये बड़ी गलती- गाय को हिन्दू धर्म में एक विशेष स्थान प्राप्त हैं. शास्त्रों में भी गाय को घर में पालने और उसकी सेवा करने की बात कही गई हैं. ऐसा माना जाता हैं कि गाय के अन्दर 33 कोटि देवी देवताओं का वास होता हैं. यही वजह हैं कि गाय की सेवा के साथ साथ गोवर्धन पर्व पर उसकी पूजा भी की जाती हैं.धार्मिक महत्त्व के अलावा स्वास्थ की द्रष्टि से भी गाय को पालना और उसके…

क्यों किया जाता है ग्रहण काल में तुलसी के पत्तों का इस्तेमाल | बाल संत श्री मणिराम दास जी महराज (श्री धाम अयोध्या जी)

21 जून को आषाण अमावस्या पर लगने वाला कंकणाकृति खण्डग्रास सूर्य ग्रहण 900 साल बाद लग रहा है. यह ग्रहण रविवार को लग रहा है इसलिए इसे चूणामणि ग्रहण कहा जा रहा है. यह पूर्ण सूर्य ग्रहण है. इससे पहले 5 जून को चंद्र ग्रहण लग चुका है. धार्मिक दृष्टि से यह सूर्य ग्रहण काफी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह चंद्र ग्रहण के कुछ दिन बाद पड़ रहा है. ऐसा कहा जा रहा है कि एक ही महीने में दो ग्रहण लगने की स्थिति सही नहीं है. सूर्य ग्रहण का सूतक…

जानें सदी के सबसे बड़े सूर्यग्रहण को विस्तार से, सूतक अवधि, मोक्ष का समय और राशियों पर दुष्परिणाम |

रविवार सूर्य ग्रहण का सूतक, स्‍पर्श एवं मोक्ष का समय- बाल संत श्री मणिराम दास जी महराज (श्री धाम अयोध्या जी) श्री संवत् 2077 शकः 1942 आषाढ़ कृष्ण 30 रविवार दिनांक-21 /06/2020 को खण्ड ग्रास सूर्य ग्रहण होगा। यह सूर्य ग्रहण भारत वर्ष में भी दिखाई देगा। लेकिन इसे नंगी आंखों से देखने का प्रयास बिलकुल भी न करें। इस दौरान यह सूर्य ग्रहण भारत सहित विश्वके अनेक हिस्सों अफ्रीका(पश्चिम-दक्षिण भाग को छोड़ कर), दक्षिण-पूर्व यूरोप,मध्य-पूर्व के देशों में, एशिया(उत्तर-पूर्वी रुस को छोड़ कर),इन्डोनेशिया, माइक्रोनेशिया में दिखाई देगा। सूर्य ग्रहण…

दुर्लभ खगोलीय घटना का संकेत दे रहा है यह सूर्य ग्रहण | जानें प्रभाव एवं निवारण | बाल संत श्री मणिराम दास जी महराज (अयोध्या)

ग्रहण की अवधि होगी 3 घंटा 35 मिनट रविवार को प्रातः सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है आइए जाने कि 21 जून 2020 रविवार सूर्य ग्रहण का सूतक, स्‍पर्श एवं मोक्ष का समय क्या है और हमें क्या करना चाहिए। श्री काशी विश्वनाथ हृषीकेश पंचांग के अनुसार सूर्य ग्रहण का प्रारंभ 21 जून 2020 रविवार की सुबह 10 बजकर 31 मिनट पर होगा। यह वलयाकार सूर्य ग्रहण रहेगा। इसका सूतक 20 जून 2020 शनिवार की रात 10 बजे से आरंभ हो जाएगा। ग्रहण का मध्‍य 12 बजकर 18 मिनट दोपहर…

जानें क्या करें सूर्य ग्रहण के सूतक काल में | बाल संत मणिराम दास जी महराज

दिनांक 21 जून रविवार को खंडग्रास सूर्यग्रहण होगा जो कि *भारत में दिखेगा। अतः इस ग्रहण का नियम पालन आवश्यक होगा। ग्रहण का स्पर्श(लगना): सुबह 10.09 ग्रहण का मोक्ष(छूटना): दोपहर 01.43 ग्रहण का सूतक(छाया): दिनांक 20 जून शनिवार को रात 9/30 से दूसरे दिन दोपहर 01.43 तक। सूर्य ग्रहण के दौरान क्या करें क्या ना करें सूर्य ग्रहण के दौरान कुछ कार्यों को विशेष रुप से करने की मनाही होती है तो कुछ कार्यों के लिए सर्वोत्तम समय होता है। यदि आप कोई सिद्धि प्राप्त करना चाहते हैं तो उसके…

ठाकुर श्री बांके बिहारी जी की पोशाक की कथा | बाल संत श्री मणिराम दास जी महराज |

वृंदावन में एक कथा प्रचलित है कि एक ठाकुर भूपेंद्र सिंह नामक व्‍यक्‍ति थे जिनकी भरतपुर के पास एक रियासत थी। इन्‍होंने अपना पूरा जीवन भोग विलास में बिताया। धर्म के नाम पर ये कभी रामायण की कथा करवाते तो कभी भागवत की कथा करवाते थे, बस इसी को यह धर्म समझते थे। झूठी शान और शौकत का दिखावा करने वाले ठाकुर भूपेंदर सिंह की पत्नी भगवान् पर काफी विश्‍वास रखती थी। वह साल में नियमानुसार वृंदावन जा कर श्री बांके बिहारी की पूजा करती। जबकि भूपेंदर सिंह भगवान् में…