जाने बचपन से लेकर कैप्टेन-कूल बनने तक धोनी का सफर, नंबर 7 और कुछ दिलचस्म बातों के बारे में।

कुछ कहानियों के लिए तो शब्द ही नही बने होते…ऐसे ही कहानी है भारतीय क्रिकेट के जादूगर महेंद्र सिंह की धोनी की…

धोनी कहे या 7 नुम्बर का जादूगर, सच में यह धोनी की अनटोल्ड स्टोरी है. जिस तरह जादूगर आता है और तमाम जादू दिखाता है, उसी तरह तुम भी आये उन लंबे बालों की तरह और क्रिकेट के मैदान पर बहुत सारे जादू दिखाए…

एक नया अध्याय शुरू हुआ क्रिकेट में लम्बे बालों का, आपके बाल के फैन तो पाकिस्तान के प्रधानमंत्री तक रहे. मै तो 2003 से क्रिकेट का जानकार हुआ. गांगुली हमेशा से मेरे पसंदीदा खिलाड़ियों में से रहे हैं. 2004 में क्रिकेट की दस्तक देने वाले धोनी को अपनी बढ़ती उम्र के साथ देखता गया.

वैसे तो धोनी कुछ भी करते तो फेमस ही होते और सफल भी, लेकिन धोनी की लाइफ में नंबर का अहम रोल रहा है. बात करें नंबर की तो धोनी का लकी नंबर 7 है. धोनी क्रिकेट के मैदान पर 7 नंबर की जर्सी पहन के खेलते हैं. उनके ज्यादातर गाड़ी का नंबर 7 ही है. वहीं, वो मैदान पर उतरते भी थे 7वें पायदान पर, लेकिन गांगुली का दिया 3 नंबर धोनी के लिए कुछ ज्यादा खास रहा. ये 3 नंबर धोनी को हिरो बनाया तो वहीं इस 3 नंबर के लिए भारत ने विश्व कप भी गंवाया.

सौरव गांगुली ने धोनी को पाकिस्तान के खिलाफ तीसरे पायदान पर बैटिंग करने भेजा और धोनी ने इस मैच का रूख बदल दिया. धोनी के बल्ले से निकला हर शॉट गोली की रफ्तार से मैदान के बाहर जा रहे थे. धोनी ने इंटरनेशनल क्रिकेट में अपना पहला शतक जड़ा. इसके बाद दादा तो चले गए. लेकिन भारत को दे गए एक बहुमूल्य हीरा.

गाँव में लाइट कम रहती थी. रेडियो पर संजय बनर्जी की कमेंट्री सुनते थे.
“लम्बे बालों वाले धोनी अब मैदान पर आ चुके है, अब दर्शकों को लम्बे लम्बे छक्के दिखेंगे…बॉलर ने अंपायर को क्रॉस किया उनकी ये गेंद धोनी के लिए, धोनी ने लॉन्ग ऑन की दिशा में उठा दिया है और ये एक गगनचुम्बी छक्का…

ये BSNL सिक्सर कमेंट्री इण्डिया…

अगर धोनी के ऊपर बनी फ़िल्म में दिखाई गयी लव स्टोरी सही है तो एक इंसान को टूटने के बाद मजबूत होना धोनी से सीखना चाहिए. धोनी बड़े आदमी भले बन गए लेकिन दोस्त उनके पुराने बने रहे. दोस्त के द्वारा बताया गया हेलीकाप्टर शॉट धोनी ने सबके सामने खुल कर बताया कि यह मेरा शॉट नही बल्कि मेरे दोस्त सन्तोष लाल ने मुझे सिखाया है. इस जमाने में तो होड़ सी लगी है खुद को प्रमोट करने की.

मेरे जैसे न जाने कितनों के प्रेरणास्रोत रहे हैं धोनी. वो टांग के बीच से थ्रो कर रन आउट करना शायद ही कोई क्रिकेट प्रेमी भूले. धोनी को तब टीम मिली थी जब कुछ बड़े दिग्गज टीम को छोड़कर जा रहे थे, और धोनी ने कोहली को जब टीम दी तो एक बेहतरीन टीम दी. शायद सबसे ज्यादा कप्तान कोहली ही आपको मिस करें, क्योंकि विकेट के पीछे से जो कप्तानी आप करते थे शायद वह इण्डिया की जीत में मायने रखता था. रोहित शर्मा को रोहित शर्मा आपने बनाया. रोहित को ओपनिंग के लिए धोनी ने अपनी कप्तानी में प्रमोट किया.

2007 वर्ल्ड टी-20 के लीग राउंड में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ भारत का मैच टाई हुआ. मैच का फ़ैसला बॉल आउट के जरिए होना था. बॉल आउट में पाकिस्तान ने रेगुलर गेंदबाज़ों को चुना जबकि धोनी ने हरभजन सिंह के अलावा वीरेंद्र सहवाग और रॉबिन उथप्पा जैसे पार्ट टाइम गेंदबाज़़ों पर दांव खेला और मैच जीता.

2007 वर्ल्ड टी-20 के फ़ाइनल की बात करें तो अगर महेंद्र सिंह धोनी ने जोगिंदर शर्मा से आख़िरी ओवर न कराया होता, तो दुनिया को शायद ये भी याद न रहता कि वो वर्ल्ड चैंपियन टीम का हिस्सा थे.
कई ऐसे पल दिए है तुमने जिसे भुला पाना न मुमकिन होगा.

धोनी की कप्तानी में भारत आईसीसी की वर्ल्ड-टी20 (2007 में), क्रिकेट वर्ल्ड कप (2011 में) और आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफ़ी (2013 में) का खिताब जीत चुका है. इतना ही नहीं 2009 में उन्होंने भारतीय टीम को टेस्ट क्रिकेट में नंबर वन बनाया. इस स्थान पर भारत लगभग 600 दिनों तक बना रहा. धोनी ने भारत को घरेलू मैदानों पर 21 टेस्ट मैचों में जीत दिलाई. यह किसी भी भारतीय का सबसे बेहतर रिकॉर्ड है.

रिकॉर्डों की बात ज्यादा नही करूँगा वो आप न्यूज पेपर में पढ़ लेना. 2011 वर्ल्ड कप में वोमारा गया छक्का क्रिकेट इतिहास का सबसे सुनहरा छक्का था.

धोनी ने जिस अंदाज में अपने संन्यास की घोषणा की वो उनके चाहने वालों को भावुक कर गया. एक वीडियो पोस्ट कर उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहा. गौर की बात यह है कि धोनी ने इस वीडियो में 2007 विश्वकप में बाहर होने पर उनका पोस्टर जलाया था, उस दृश्य को भी शामिल किया है.

विलक्षण प्रतिभा संपन्न, अद्भुत नायक, धैर्य के प्रतिमान, भारतीय क्रिकेट जगत के जादूगर महेंद्र सिंह धोनी द्वारा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा एक युग की समाप्ति है, जहां अब न हेलीकाप्टर दिखेगा , न ही वह प्यारी सी मुस्कान, न ही एक ग्लव्स लगाकर कीपिंग…

क्रिकेट के कई किस्से महेंद्र सिंह धोनी ने पढ़ने के लिए पीछे छोड़ दिया है. क्रिकेट का मैदान ही नही स्टंप कि गिल्लियां भी आपको मिस करेंगी…
देश प्रेमी ने दिन भी चुना तो 15 अगस्त का…

नवीन पारी के लिए मेरी शुभेच्छाएं!

  • पीयूष
    Mahendrasinghdhoni
    #MahendraSinghDhoni
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