ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेकर बीजेपी की वरिष्ठ नेता का बड़ा खुलासा, विश्वास करना भी मुश्क़िल |

कांग्रेस का दामन छोड़ बीजेपी का साथ पकड़ने वाले ज्योतिरादित्य फिर एक बार राज्यसभा सांसद बने। लेकिन इसी बीच एमपी की पूर्व सीएम उमा भारती ने एक बड़ा खुलासा किया है। इस छिपी बड़ी बात से एक बड़ा तबका अब तक अंजान रहा। लेकिन उमा भारती के बयान को पढ़कर आप सन्न रह जाएंगे।

दरअसल उमा भारती ने एक इंटरव्यू के दौरान ये बताया कि उन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस सदस्य रहते हुए उनके खिलाफ कभी कोई कैम्पेन नही किया। उमा के मुताबिक ये बात उन्होंने अपनी भी पार्टी से साफ कर रखा था। दरअसल इस पूरे मामले पर उमा भारती की दलील है कि बीजेपी की वसुंधरा राजे और यशोधरा राजे दोनो ही रिश्ते में ज्योतिरादित्य की बुआ हैं। और उन दोनों ने कभी भी सिंधिया के खिलाफ प्रचार नहीं किया। तो ऐसे में उमा भी ज्योतिरादित्य सिन्धिया की बुआ ही हुईं। लिहाजा उन्होने भी कभी ज्योतिरादित्य के खिलाफ कोई चुनाव प्रचार नहीं किया।

उमा भारती के मुताबिक राजमाता विजयाराजे सिंधिया का बीजेपी और जनसंघ से गहरा रिश्ता था। ऐसे में हमेशा उन्हे लगता था कि ज्योतिरादित्य को भी बीजेपी का ही सदस्य होना चाहिए था। उन्होंने बताया कि ज्योतिरादित्य सिंधिया बेहद सरल और सौम्य स्वभाव के मालिक हैं।

आपको बता दें कि कुछ वक़्त पहले ही ज्योतिरादित्य सिंधिया का जब भोपाल दौरा हुआ तो वो भोपाल के श्यामला हिल्स यानि उमा भारती के बंगले पर भी पहुंचे और उनसे मुलाकात की। वहीं उमा भारती भी सिंधिया के प्रति अपने स्नेह को छुपा नही सकीं। उमा भारती ने मंत्रोच्चार के साथ सिंधिया का स्वागत कर उन्हे आशीर्वाद दिया।

गौरतलब है कि सिंधिया राजघराने में हमेशा से ही राजनीति के दो ध्रुव रहे हैं। जहां राजमाता विजय राजे सिंधिया जनसंघ में थीं तो वही दूसरी तरफ माधवराव सिंधिया ने कांग्रेस को चुना। माधवराव की दोनों बहनें यानि यशोधरा और वसुंधरा दोनो ने बीजेपी में अपना योगदान दिया लेकिन वहीं भतीजे ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस के सदस्य रहे।

हैरान करने वाली बात तो ये कि, उलट विचारधाराओं की पार्टी में रहने के बाद भी दोनों तरफ से कभी एक दूसरे के खिलाफ चुनाव प्रचार में हिस्सा नहीं लिया गया। और ना ही कोई सार्वजनिक रूप से बयानबाज़ी हुई। अलग राजनीतिक विचारधाराएं होने के बाद भी परिवार में कभी कोई विवाद खड़ा नही हुआ। लेकिन अब ज्योतिरादित्य के बीजेपी में आ जाने के बाद सिंधिया खानदान का पॉलिटिकल सेंटर अब एक हो चुका है।

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