दूर सन्नाटा हुआ है बंद ताले खुल गए | ज़िंदगी को फिर सँवरने के उजाले मिल गए | गीतकार संजय पुरुषार्थी

{मुखड़ा}👇
लाॅकडाउन अनलाॅक हुआ
प्रतिबंध हटा कुछ साफ हुआ
………….
{अंतरा}👇
थोड़ी राहत थोड़ा संशय
थोड़ा जीवन संचार हुआ
जीवन की सुरक्षा की खातिर
ईजाद यही उपचार हुआ

लाॅकडाउन….
प्रतिबंध हटा…

लाॅकडाउन….
प्रतिबंध हटा….

है कठिन दौर से गुज़र रही
हर जीवन की रफ्तार सही
मिलकर सबको ही करना है
फिर जीवन से व्यवहार यही

लाॅकडाउन….
प्रतिबंध हटा…

नियमों का पालन करना ही
फिलहाल सही विचार यही
निश्चित है मृत्यु मगर फिर भी
जीवन करना बेकार नहीं

लाॅकडाउन….
प्रतिबंध हटा….

करें प्रार्थना पूजा अर्चन
कोरोना का हथियार यही
जियें और जीने दें सबको
है जीवन का आधार यही

लाॅकडाउन….
प्रतिबंध हटा…

जीवन का है श्रृंगार यही
जीवन का बस है प्यार यही
है जान अगर तो है जहान
सब सारों का है सार यही

लाॅकडाउन….
प्रतिबंध हटा….

चलते – चलते संदेश यही
कोई खास नहीं,है विशेष यही
सामाजिक दूरी बनी रहे
सोशल डिस्टेंसिंग बनी रहे
करना है बस उपकार यही

लाॅकडाउन….
प्रतिबंध हटा…

जीवन का मोल समझ लो तो
केवल करना व्यवहार यही

गीतकार👇
संजय पुरुषार्थी

04 जुलाई 2020
प्रयागराज, उत्तर प्रदेश
copywrite 👇
APS4720CNS508154752

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