एक देश में दो निशान दो विधान नहीं चलेंगे का नारा देने वाले डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की आज जन्म जयंती है

एक देश में दो निशान दो विधान नहीं चलेंगे का नारा देने वाले डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की आज जन्म जयंती है


“एक देश में दो निशान,एक देश में दो प्रधान,एक देश में दो विधान नहीं चलेंगे,नहीं चलेंगे!” -डॉ.श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी

महान राष्ट्रवादी विचारक,शिक्षाविद,चिन्तक,भारतीय जनसंघ के संस्थापक रहे डॉ.श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी के जन्मदिवस के अवसर पर इस मां भारती के पुत्र को कोटि-कोटि प्रणाम!

युगदृष्टा, प्रखर राष्ट्रवादी डाॅ श्यामा प्रसाद मुखर्जी का संक्षिप्त परिचय :
जन्म–6 जुलाई 1901 कलकत्ता -बंगाल
मृत्यु- –23 जून 1953 कश्मीर (जेल में संदेहास्पद)
पिता- –आशुतोष, माता—–योगमाया देवी
संस्थापक- –भारतीय जनसंघ
साथियों- ——-डाॅ श्यामा प्रसाद मुखर्जी प्रकाण्ड विद्वान, महान शिक्षाविद थे ।
1924 में कानून की पढ़ाई पूरी कर,1927 में इंग्लैंड से बैरिस्टर बन वापस भारत आये।
1934 की अल्प आयु मात्र 33 वर्ष में कलकत्ता विश्वविद्यालय के कुलपति बने।
1944 में वीर सावरकर से प्रेरित होकर हिन्दू महासभा के अध्यक्ष रहे ।मुहम्मद अली जिन्ना और मुस्लिम लीग की साम्प्रदायिकतावादी सोच का विरोध कर हिन्दुओं की रक्षा के लिए कार्य किया ।
1951 में नेहरू जी मतभेदों के कारण भारतीय जनसंघ का उद्भव हुआ।
1952 में भारतीय जनसंघ ने तीन सीटें जीतीं।
डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने जम्मू कश्मीर को अलग राज्य, अलग झंडा, अलग निशान ,अलग संविधान ,विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने की पुरजोर मुखालफत की।
जम्मू कश्मीर से धारा 370 समाप्त किये जाने की संसद में जोरदार वकालत की ।
1952 में बगैर परमिट जम्मू कश्मीर जाने का ऐलान किया ।
1953 में बिना परमिट जम्मू कश्मीर पहुँचने पर गिरफ्तारी ।
23 जून 1953 में जम्मू कश्मीर कारावास के दौरान रहस्यमय परिस्थितियों में संदेहास्पद मौत!!!
राष्ट्र हमेशा माँ भारती के अमर सपूत डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी को याद रखेगा ।डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के चरणों में सम्पूर्ण राष्ट्र कोटिशः प्रणाम करता है ।
वंदे मातरम्

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