इजराइल का टूटा सब्र का बांध, जेट F-35 से ईरान के परमाणु ठिकानों पर किया विस्‍फोट

इजराइल का टूटा सब्र का बांध, जेट F-35 से ईरान के परमाणु ठिकानों पर किया विस्‍फोट


इजराइल का सब्र का बांध आखिरकार टूट गया और वह अपने धुर विरोधी ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला बोल दिया। कुवैती अखबार अल जरीदा में छपी रिपोर्ट के अनुसार यह घटना पिछले हफ्ते की है. इसमें बताया गया की इजरायल के साइबर हमले से गुरुवार को ईरान के ‘नतांज’ परमाणु संवर्धन केंद्र में आग लग गई और जोरदार धमाका हुआ.

जी हा इजरायल ने अपने फाइटर जेट F-35 से ईरान के परमाणु ठिकानों में विस्‍फोट कर उसे यूरेनियम संवर्धन केंद्र और मिसाइल निर्माण केंद्र तबाह कर दिया. इजरायल सिर्फ यही नहीं रुका बल्कि उसने ईरान के पर्चिन इलाके में मिसाइल निर्माण स्‍थल पर भी हमला कर उड़ा दिया!

बतादे की ईरान का यह परमाणु पूरा केंद्र जमीन के अंदर बनाया गया है. बताया जा रहा है की इजरायली हमले से ईरान का परमाणु कार्यक्रम अब दो महीने पिछड गया है. इजरायल ने पहले ही आशंका जताई है कि ईरान परमाणु समझौते का उल्लंघन कर रहा है.

इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी ने इस महीने की शुरुआत में एक रिपोर्ट में कहा था कि ईरान परमाणु समझौते का उल्लंघन कर रहा है। उसने महीनों तक दो जगहों पर अंतरराष्ट्रीय दलों के निरीक्षण को रोका है। आशंका जताई जा रही है कि इन दोनों ठिकानों पर परमाणु बम के विकास से संबंधित काम किए जा रहे हैं। इसी को मद्देनजर रखते हुए इजराइल ने ईरान के एक ठिकाने पर हमला किया.

इजरायल ने नाजी जर्मनी से की ईरान की तुलना, कहा यहूदियों को खत्म करना है मकसद
गुरुवार को इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्‍याहू ने तेहरान की तुलना एक अत्‍याचारी से की है। उन्‍होंने कहा कि दुनिया को ईरान से सचेत हो जाना चाहिए। नेतन्‍याहू ने ईरान के खिलाफ कार्रवाई का आह्वान करते हुए इसकी तुलना नाजी जर्मनी और हिटलर से किया है। नेतन्याहू ने यरूशलम को राज्य और सरकार के 40 से अधिक प्रमुखों को एकत्र करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि ईरान जिस तरह से परमाणु हथियार विकसित कर रहा है, उससे यहूदी के साथ दुनिया के लिए खतरा उत्‍पन्‍न हो गया है। उन्‍होंने कहा कि उसका एक मात्र मकसद यहूदी राज्‍य को खत्‍म करना है।

हमले में इसराइल गुप्तचर एजेंसी की है प्रमुख भूमिका
इसराइली गुप्तचर कार्यक्रम के अनुसार नेतान्याहू ने सेना को 2010 में ज़रूरत पड़ने पर कुछ घंटों में हमले के लिए तैयार रहने का आदेश जारी कर दिया था. लेकिन इसराइली सेना और गुप्तचर सेवा के तीव्र विरोध के बाद इसे ख़ारिज कर दिया गया.

हमलों के आदेश का विरोध करने वालों में आंतरिक गुप्तचर सेवा के डायरेक्टर युवाल डिस्किन भी शामिल थे. उनका कहना था कि ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला करने से इसे रफ़्तार ही मिलेगी.

हालांकि इस तर्क के विरोध में भी लोग हैं. ये लोग इराक के ओसिराक परमाणु रिएक्टर पर 1981 में हुए हमले का हवाला देते हैं

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