अब विंडसॉक से देख पाएंगे बच्चे हवा की दिशा-सारिका घारू

अब विंडसॉक से देख पाएंगे बच्चे हवा की दिशा-सारिका घारू


मानसून को मापने के लिए मध्य प्रदेश की विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने घर में बच्चों को विंडसॉक बनाना सिखाया। बच्चों और आम जनता को हवा की दिशा पता करने के लिए मध्यप्रदेश की विज्ञान प्रसारक सारिका घारू का अनलॉक दो के दौरान बच्चों में अवलोकन क्षमता को बढ़ाने तथा वैज्ञानिक समझ को बढ़ाने के लिए विंडसॉक बनाना सिखाया।

सारिका घारू ने बताया कि लोग हवा की दिशा जानने के लिए वैज्ञानिकों या टीवी चैनलों पर निर्भर रहते हैं लेकिन कुछ आसान तरीकों से विंडसॉक के माध्यम से भी आप इसे खुद पता कर सकेंगे। इसके लिए हवा में उड़ते कपड़े को पाइप से दिखने वाले यंत्र को स्वयं बनाकर अपने मकान या स्कूल की छत पर भी लगा कर हवा का रुख जान सकेंगे।

सारिका ने बताया कि विंडसॉक एक कॉनिकल शेप में कपड़े की थैली होती है जिसका उपयोग हवा की दिशा, अनुमानित गति मापने के लिए किया जाता है। विंडसॉक का प्रयोग एयरपोर्ट और केमिकल फैक्ट्री में किया जाता है।

ऐसे तैयार करें घर पर विंडसॉक

विंडसॉक यंत्र एक कपड़े से 1 मीटर लंबे कोनिकल पाइप के रूप में इस प्रकार सिला कि इसका एक सिरा 12 इंच दूसरा 6 इंच का हो दोनों सिरों पर धातु के तार पिरो दिए ताकि दोनों सिरे खुले रहें। कपड़े में मोटा धागा बांधकर एक लंबे ठंडे में ऊपरी सिरे पर झंडे की तरह बांध दिया। जब हवा चली तो छोटा वाला हवा के बहने की दिशा की तरफ होने लगा, कंपास दिशा को मालूम किया हवा की गति ज्ञात करने के लिए ट्यूब या डंडे के साथ बनने वाला कोण देखा गया।

सारिका ने बताया कोण 90 डिग्री होने पर हवा की गति अधिकतम माना जाता है। उन्होंने बताया पतंग उड़ाते समय हवा कहां बह रही है यह तो बच्चे समझते हैं लेकिन मानसूनी हवाएं कहां से आ रही है या प्रश्न बच्चों को उलझा देता है। मीडिया के मानसून समाचार को स्वयं परख सके इसके लिए इस प्रकार के प्रयोग वैज्ञानिक बच्चों को समझाते हैं।

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