69000 शिक्षक भर्ती मामले में फर्जीवाड़े का पर्दाफाश करने वाले प्रयागराज एसएसपी के ट्रांसफर पर क्यों उठ रहे हैं सवाल ?

उत्तर प्रदेश सरकार ने सोमवार देर रात 9 जिलों के एसएसपी समेत 14 आईपीएस अधिकारियों का तबादला कर दिया. इसमें प्रयागराज के एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज का नाम भी शामिल है. सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज वही अधिकारी हैं, जिन्होंने अपनी टीम के साथ मिलकर 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती में फर्जीवाड़े का खुलासा किया था. शिक्षक भर्ती के मामले में तमाम एफआईआर कराने और नकल माफियाओं के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई करने वाले एसएसपी को प्रतीक्षारत कर देने से शासन पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं.
प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों और छात्रों ने यूपी सरकार की इस कार्रवाई पर अपना विरोध जताया है। प्रतियोगी छात्रों का मानना है कि शिक्षक भर्ती मामले में अनियमितता को उजागर करने और नकल माफियाओं के गिरफ्तार करने के कारण ही एसएसपी पर यह कार्रवाई हुई है।

कई प्रतियोगी छात्रों और प्रयागराज से जुड़े लोग सोशल मीडिया पर #प्रयागराजएसएसपीहटायेक्योंगए ट्रेंड कराकर यूपी सरकार से सवाल पूछ रहे हैं कि इतना बेहतर काम करने के बावजूद उन्हें आखिर क्यों हटाया गया? विनीत सिंह नाम के प्रयागराज के एक स्थानीय युवा ने लिखा है, “सरकार किसी की हो ईमानदारी की कीमत चुकानी ही पड़ती है। एक अधिकारी जो जनता की छोटी से छोटी शिकायत का संज्ञान लेता था, जिसने 69 हजार शिक्षक भर्ती में घोटाले का पर्दाफाश किया, उसे ईनाम के रूप में ट्रांसफर के साथ प्रतीक्षारत सूची में डाल दिया जाता है।” दरअसल सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज की छवि एक ईमानदार पुलिस अधिकारी के साथ-साथ सबकी सुनने वाले अधिकारी के रूप में भी रही है। कहा जाता है कि वह हर एक ट्वीट को बेहद संजीदगी से पढ़कर उसका जवाब देते हैं और संबंधित अधिकारियों-कर्मचारियों को निर्देश देकर उचित कार्रवाई भी करते हैं

वांटेड अपराधी चंद्रमा सिंह यादव का नाम आया सामने

दरअसल इस भर्ती घोटाले में एक नाम स्थानीय बीजेपी नेता चंद्रमा सिंह यादव का भी आया है, जिसे स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने 15 जून को वांटेड भी घोषित किया। चंद्रमा सिंह यादव वर्तमान में बीजेपी किसान मोर्चे में प्रदेश की कार्यसमिति के सदस्य हैं। वह इससे पहले प्रयागराज बीजेपी की महानगर इकाई के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं। इसके अलावा वह वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री और प्रदेश सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह के प्रतिनिधि भी रह चुके हैं।
चंद्रमा सिंह यादव और उनके गिरोह का नाम 8 जनवरी, 2020 को टीईटी का पेपर लीक होने के बाद भी सामने आया था। तब उन्हें और उनके गिरोह को 180 मोबाइल फोन और 220 प्री एक्टिवेटेड सिम के साथ गिरफ्तार भी किया गया था। हाल ही में चंद्रमा सिंह जमानत पर जेल से रिहा हुए। शिक्षक भर्ती फर्जीवाड़े में नाम आने के बाद से वह फरार है, इसलिए एसटीएफ ने उन्हें वांछित अपराधी (वांटेड) घोषित किया है।

क्या है पूरा मामला?

69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती मामले में अभ्यर्थी डॉ. कृष्ण लाल पटेल के खिलाफ कई लोग फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगा रहे थे, लेकिन कोई तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराने को तैयार नहीं था। जिन अभ्यर्थियों से इस गैंग के सदस्यों ने लाखों रुपए वसूले थे, वह भी डर के मारे सामने नहीं आ रहे थे.
विगत चार जून को प्रतापगढ़ के एक अभ्यर्थी राहुल सिंह ने एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध से संपर्क किया तो तत्काल कार्रवाई शुरू हो गई. इसके बाद एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज ने राहुल की तहरीर पर सोरांव थाने में मुकदमा दर्ज कराया और जांच शुरू की.
इस मामले में एसएसपी ने खुद जांच की मॉनिटरिंग की. इस जांच में दो ऐसे आईपीएस अफसरों को लगाया गया. अशोक वेंकटेश और अनिल यादव नाम के इन दो अफसरों के साथ एसएसपी ने खुद जांच शुरू की.

सपा और कांग्रेस ने खोला मोर्चा
समाजवादी पार्टी के साथ ही कांग्रेस ने भी प्रयागराज से एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज के तबादले के विरोध में मोर्चा खोल दिया है। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी इनके तबादले को लेकर ट्वीट किया है। प्रियंका ने लिखा कि प्रयागराज के एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध का ट्वीट देख कर आश्चर्य हुआ। जिस समय उन्होंने इतने बड़े घोटाले का खुलासा किया है, उनके जाने से जांच का नुकसान न हो। वजह जो भी है, ऐसे अफसरों को पब्लिक का पूरा समर्थन मिलना चाहिए जो ईमानदारी से, निर्भय होकर अपना कर्तव्य निभाते हैं।

उत्तर प्रदेश शासन का भी आया बयान
मामला प्रकाश में आने के बाद उत्तर प्रदेश शासन के सूत्रों का कहना है कि सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज ने व्यक्तिगत कारणों से खुद ही छुट्टी मांगी है, इसलिए उन्हें प्रयागराज के एसएसपी पद से पदमुक्त कर कोई पदभार नहीं दिया गया है। सूत्रों के अनुसार उनके पिता बहुत ही बुजुर्ग हैं और अस्पताल में भर्ती हैं। वहीं अब उनके और उनके गनर के कोरोना पॉजिटिव होने की भी खबर आई है।

सरकार के आदेश के बाद सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज ने ट्विट्टर पर लिखा भावुकता भरा विदाई संदेश

उन्होंने लिखा कि एसएसपी प्रयागराज पद पर रहते हुए प्रयागराज की जनता ने जो प्यार और भरोसा दिया उसका मैं सदैव आभारी रहूंगा. आपका यह भरोसा पुलिस पर सदैव बना रहे यही कामना है. प्रयागराजवासियों को अशेष शुभकामनाएं…

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