पहले निंदा, फिर स्वागत। संजय राउत के बयान के बाद, सोनू सूद से मिले मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे।

जैसा की आप सभी जानते हैं संजय राउत ने कोरोना संकटकाल में महान आत्मा बन कर उभरे सोनू सूद पर बीजेपी का प्यादा होने का आरोप लगाया था। संजय राउत ने कहा था की सोनू सूद ने जो भी किया है वो सिर्फ पैसो के लिए किया है। सोनू सूद पैसे के लिए कुछ भी कर सकते है। संजय राउत का मानना है की बीजेपी ने उन्हें अपना प्यादा बना कर यह सब करवाया है।

संजय राउत ने आरोप लगाते हुए यहाँ तक कह दिया था कि महाराष्ट्र के कुछ राजनीतिक दल सोनू सूद का इस्तेमाल उद्धव सरकार पर आरोप लगाने के लिए कर रहे हैं। इन अभियानों के पीछे सोनू सूद महज एक चेहरा हैं। बिना राज्य सरकार की मदद के वे कुछ नहीं कर सकते थे।

संजय राउत ने आर्टिकल में यह भी लिखा की लॉकडाउन के दौरान अचानक सोनू सूद नाम का एक नया महात्मा तैयार हो गया। प्रवासी मजदूरों को घर भेजने के लिए उनके नाम की चर्चा हो रही है। आगे लिखा कि “जिन लोगों को केंद्र और राज्य सरकार घर नहीं भेज सकी, सोनू सूद ने उन्हें उनके घर भिजवाया !! उनके इस कार्य के लिए राज्यपाल ने भी उनकी तारीफ की है !”

अपने ऊपर शिवसेना द्वारा ये आरोप लगने के बाद भी बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद – जो की हजारों प्रवासी मजदूरों के लिए मसीहा रहे हैं – रविवार देर रात उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाकात की।

सोनू सूद मजदूरों को उनके मूल स्थानों पर लौटने के लिए बसों के संचालन तथा हवाई यात्रा का प्रबंध करवाने के लिए सुर्खियों में थे। प्रवासियों के निमित्त की गयी सभी व्यवस्थाओं के लिए सोनू सूद को “महात्मा” कहे जाने के बाद, पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे ने सोनू सूद के साथ बैठक की। जहा उनके साथ उद्धव ठाकरे और असलम शेख मौजूद थे। उद्धव ठाकरे के साथ हुई बैठक को सूद ने एक “शिष्टाचार भेंट” के रूप में वर्णित किया गया ।

इस बैठक के बारे में स्वयं आदित्य ठाकरे ने ट्वीट करके लोगो को जानकारी भी दी। ट्वीट देखे।

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