आज ग्रहण के समय किस राशि वाले कौन से मंत्र का कितना जाप करें :- पंडित कौशल पाण्डेय | पढ़ें विस्तार से

आज यानी 5 जून को लगने वाला उपछाया चंद्र ग्रहण रात में 11 बजकर 11 मिनट से शुरू होगा और रात में 2 बजकर 34 मिनट पर खत्म होगा। इसकी कुल अवधि करीब तीन घंटे रहेगी। ग्रहण काल में चंद्रमा कहीं से कटा हुआ होने की बजाय अपने पूरे आकार में नजर आएगा। भारत में भी यह ग्रहण तय समय पर दिखाई देगा लेकिन उपछाया ग्रहण होने की वजह से यहां किसी भी तरह के धार्मिक कार्य नहीं रोके जाएंगे। ग्रहण से 9 घंटे पहले लगने वाला सूतक भी मान्य नहीं होगा। शास्त्रों में उपछाया चंद्र ग्रहण को ग्रहण नहीं माना जाता। ग्रहण के समय चंद्रमा वृश्चिक राशि में ज्येष्ठ नक्षत्र में होगा। वृश्चिक राशि वाले लोग चंद्र ग्रहण के कारण प्रभावित हो सकते हैं। विशेषकर गर्भवती महिलाओं को उपछाया चंद्रग्रहण में कुछ सावधानी रखनी चाहिए।

ग्रहण के समय किस राशि वाले कौन से मंत्र का कितना जाप करें


ग्रहों के जाप जन्म कुंडली के अनुसार ग्रह दशा आरंभ होने पर शुक्ल पक्ष में ग्रह संबधी जो भी पहला वार आये, उस वार से मंत्र जाप आरंभ करना चाहिए. राहु/केतु का कोई दिन नहीं होता है तो राहु के मंत्र जाप शनिवार से आरंभ करने चाहिए और केतु के जाप मंगलवार से आरंभ करने चाहिए.

मेष
इस राशि के स्वामी मंगल हैं, अत: मंगल जनित दोषों की शांति और मंगल की शुभता में वृद्धि के लिए मंगल का बीज मंत्र
‘ॐ क्रां क्रीं क्रौं स: भौमाय नम:’ ऊँ अं अंगारकाय नम: का मंत्र रुद्राक्ष की माला से जपें। जाप संख्या 10,000

वृष
इस राशि के स्वामी शुक्र हैं, जो उत्तम स्वास्थ्य, आकर्षण और विलासिता संबंधी सुख देने वाले हैं, अत: इस राशि के लोग आज ग्रहण काल के मध्य रुद्राक्ष अथवा स्फटिक की माला से ‘ॐ शुं शुक्राय नम:’ का जप करके शुक्र की कृपा प्राप्त कर सकते हैं। जाप संख्या 16,000

मिथुन
इस राशि के स्वामी बुध हैं, अत: विद्या, बुद्धि, धन, आरोग्य एवं व्यापार की वृद्धि के लिए ‘ॐ बुं बुधाय नमः’ का जप तुलसी या रुद्राक्ष की माला से करके लाभ प्राप्त कर सकते हैं। जाप संख्या 9,000

कर्क
इस राशि के स्वामी मन, औषधि एवं वनस्पतियों के स्वामी चंद्रमा है, अत: मानसिक शांति के लिए एवं सत्कर्मों की वृद्धि के लिए चंद्र का मंत्र ‘ॐ श्रां श्रीं श्रौं स: चन्द्रमसे नम:’ ऊँ चं चंद्राय नम: अथवा ऊँ सों सोमाय नम: का जप मोती अथवा रुद्राक्ष की माला से जप करके लाभ प्राप्त कर सकते हैं। जाप संख्या 11,000

सिंह
इस राशि के स्वामी सूर्य हैं। हृदय रोग के रोगी नेत्र, विकार, राजकीय क्षेत्रों में प्रतिष्ठा एवं भाग्योन्नति तथा यश एवं संतान प्राप्ति के लिए इस ग्रहण के दिन सूर्यदेव का बीज मंत्र ‘ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः’ ऊँ सूर्याय नम: अथवा ऊँ घृणि सूर्याय नम: रुद्राक्ष की माला से जप कर अपने अभीष्ट कार्य सिद्ध कर सकते हैं। जाप संख्या 7,000

कन्या
इस राशि के स्वामी भी बुध हैं, अत: विद्या, बुद्धि, धन, आरोग्य एवं व्यापार की वृद्धि के लिए ‘ॐ बुं बुधाय नमः’ का जप तुलसी या रुद्राक्ष की माला से करके लाभ प्राप्त कर सकते हैं। जाप संख्या 9,000

तुला
इस राशि के स्वामी भी शुक्र हैं, जो उत्तम स्वास्थ्य, आकर्षण और विलासिता संबंधी सुख देने वाले हैं, अत: इस राशि के लोग आज ग्रहण काल के मध्य रुद्राक्ष अथवा स्फटिक की माला से ‘ॐ शुं शुक्राय नम:’ का जप करके शुक्र की कृपा प्राप्त कर सकते हैं। जाप संख्या 16,000

वृश्चिक
इस राशि के स्वामी भी मंगल हैं, अत: मंगल जनित दोषों की शांति और मंगल की शुभता में वृद्धि के लिए मंगल का बीज मंत्र ‘ॐ क्रां क्रीं क्रौं स: भौमाय नम:’ ऊँ अं अंगारकाय नम: का मंत्र रुद्राक्ष की माला से जपें। इस मंत्र का जप कंबल, कुश आदि के आसन पर बैठकर करें। जाप संख्या 10,000

धनु
इस राशि के स्वामी देवगुरु बृहस्पति हैं, अत: बुद्धि, सेहत, वैवाहिक सुख, संतान सुख और उत्तम विद्या की प्राप्ति के लिए गुरु बृहस्पति का मंत्र ऊँ बृं बृहस्पतये नम: या  ‘ॐ ऐं क्लीं बृहस्पतये नम:’ मंत्र जप करके सभी मनोरथ पूर्ण कर सकते हैं। जाप संख्या 19,000

मकर
इस राशि के जातक धन-धान्य, यश, कीर्ति, मुकदमों में विजय के लिए शनिदेव का बीज मंत्र ‘ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः’ का जप रुद्राक्ष से करके ग्रहण काल का पूर्ण लाभ प्राप्त कर सकते हैं। जाप संख्या 23,000

कुंभ
इस राशि के स्वामी भी शनिदेव हैं। इसलिए कुंभ राशि के जातक भी धन-धान्य, यश, कीर्ति, मुकदमों में विजय के लिए शनिदेव का बीज मंत्र ‘ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः’ का जप रुद्राक्ष से करके ग्रहण काल का पूर्ण लाभ प्राप्त कर सकते हैं।  जाप संख्या 23,000

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मीन
इस राशि के स्वामी भी देवगुरु बृहस्पति हैं, अत: बुद्धि, सेहत, वैवाहिक सुख, संतान सुख और उत्तम विद्या की प्राप्ति के लिए गुरु बृहस्पति का मंत्र ऊँ बृं बृहस्पतये नम: या ‘ॐ ऐं क्लीं बृहस्पतये नम:’ मंत्र जप करके सभी मनोरथ पूर्ण कर सकते हैं। जाप संख्या 19,000

राहु का मंत्र जाप ऊँ रां राहवे नम: 18,000
केतु का मंत्र जाप ऊं कें केतवे नम: 17,000

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