कोरोना : बीमारी या समाज के नाश का महाषड्यंत्र?– डॉ. उत्तम माहेश्वरी | जानें पूरा सच

  • Physical distancing को social distancing क्यों कहा? जरा सोचिए! कोई षड्यंत्र दिखा? आप डरे हुए हैं तो नहीं सोच पायेंगे।

  • समाज में व्यक्ति में साथ होने का भाव होता है। साथ हिम्मत देता है। जबकि भीड़ में व्यक्ति में अकेला होने का भाव होता है। अकेलापन डर पैदा करता है।

  • समाज, रोगी की सेवा/चिकित्सा करता है। भीड़, रोगी को मरने के लिए अकेला छोड़ देती है। इतना ही नहीं, कोई सेवा करना चाहे तो उसे भी पास नहीं जाने देती।

  • व्यक्ति को समाज से अलग कर TV-मोबाइल से दिन-रात डराओ। वह भयंकर कायर हो जायेगा, उसका सोचना बंद हो जायेगा। फिर आप जैसे नचाओगे, नाचेगा क्योंकि कायर का खुदका दिमाग काम नहीं करता।

– साबुन से हाथ धोओ। वह दिनभर धोता रहेगा।
– हाथ केमिकल से sanitize करो, वह यही करता कराता रहेगा।
इतना ही नहीं, यदि पूरी body पर sanitizer छिड़क दो तो उसे स्वर्ग से कम की अनुभूति नहीं होगी।
– कोविड19 हवा से नहीं फैलता फिर भी मास्क लगाओ, वह यही करेगा।

मैं रोज घर से निकलता हूँ। पिछले 70 दिन में रोज कई लोगों/मरीजों से मिला हूँ। मैंने आज तक एक बार भी साबुन, sanitizer का उपयोग नहीं किया, मास्क नहीं लगाया।

मैं जैसे पहले हाथ धोता था, उसी तरह धोता हूँ। साबुन की जगह मिट्टी से या गोबर की राख से हाथ धोता था, धोता हूँ। मास्क की जगह नाक में देशी गाय का घी डालता हूँ, पहले भी डालता था।

भारत के लोगों की इम्युनिटी और देशों की तुलना में अच्छी है। क्यों? भारत की सरकार होती तो इसका प्रचार करती लेकिन देश में तो इंडियन सरकार है जो अपने वैश्विक आकाओं (MNC, WHO, UN…) और भक्तों से पीठ ठुकवाने – शाबासी बटोरने में लगी है – देखो! जो काम अमेरिका, फ्रांस, इटली, स्पेन …. न कर सका, मोदीजी ने कड़ा कदम उठाकर कर दिखाया। 135 करोड़ के भारत में 70 दिनों में COVID19 से सिर्फ 5000 लोग मरे हैं।

वास्तविकता यह है कि मोदीजी हड़बड़ी में लॉक डाउन न करते तो इतने लोग भी न मरते। ये मुख्यतः हड़बड़ी से फैली अराजकता, अव्यवस्था और भय से मरे हैं।

भारत के लोगों की इम्युनिटी बढ़िया होने का कारण –
1. यहाँ मांस खानेवालों का भी 90% भोजन शाकाहारी है।
2. यहाँ अधिकतर लोग माँ-पत्नी द्वारा प्रेम से बनाया पारम्परिक व ताजा भोजन ही करते हैं।
3. इंडिया में गरीबी के कारण ही क्यों न हो, खेतों में अभी भी पश्चिमी देशों की तुलना में कम फर्टीलाइजर-पेस्टिसाइड डाला जा रहा है और इंडियन सरकारों की तमाम कोशिशों के बाद भी भारतीयों ने 7 करोड़ देशी गाय-बैल कत्लखानों तक नहीं पहुँचने दिये। इनका अन्न को अमृत बनानेवाला गोबर खेतों में पहुँच रहा है।
4. कुछ गिने-चुने इंडियन AC में रहते हैं, भारतीय तो खुली हवा में साँस लेना पसन्द करते हैं।
5. भारतीयों को अन्य देशों की अपेक्षा सूर्य का लाभ अधिक मिलता है।
6. यहाँ सप्ताह-15 दिन में उपवास की परंपरा है।
7. भारतीयों के घरों में बाहर के जूते-चप्पल नहीं चलते।
8. 99% branded चीजें घटिया होती हैं। अभी पश्चिम की तरह हमारे लोग branded के 100% गुलाम नहीं हुए हैं।
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संक्षेप में हमारे देश की इम्युनिटी बढ़िया होने का कारण – इंडिया में अभी भी भारत जिंदा है।

समाज के नाश का षड्यंत्र आज नहीं, हजारों वर्षों से चल रहा है –
जिस पश्चिम का इंडिया दीवाना है, वहाँ 500 साल पहले जनता को शादी की अनुमति नहीं थी। क्यों? क्योंकि उनके फिलॉसफर एरिस्टोटल का मानना था कि शादी हुई तो परिवार बनेगा, परिवार से समाज बनेगा, समाज राजा के लिए खतरा है। ईसाइयत के उदय के बाद बिना शादी के पैदा हुए बच्चों को एक religious institute में रखा जाने लगा, जिसे ‘CONVENT’ कहते हैं। उसे सिर्फ यह बताया जाता था कि वह पाप की औलाद है, इसलिए गुलाम रहकर अपने पापों को काटे। चर्च की नन व प्रिस्ट ही उसके माई-बाप हैं, इसलिए वह उन्हें ही Mother-Father कहता था। सोचा कि आपको convent में पढ़े होने का गर्व हो तो उसकी असलियत बताता चलूँ।

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