मरता क्या ना करता | पलायन को मजबूर – मजदूर | ये वीडियो देख कर आप रो पड़ेंगे |

मरता क्या ना करता… दरअसल ये कहावत आज के दौर पर सटीक बैठती है। कोई कहता वो मजबूर हैं, इसिलिए पलायन कर रहे हैं तो कोई कहता है कि वो मजदूर हैं इसिलिए पलायन कर रहा। तो कुछ पलायन पर ही सवाल उठाते हैं। लेकिन उन्हे स्वाभिमानी बता पाने की हिम्मत शायद किसी मे नही। दरअसल गरीब को अपनी गरीबी से कम उन्हे सिस्टम से ज़्यादा शिक़ायत है। देश भर में मजदूरों के पलायन की तस्वीर सामने आ रही लेकिन इस तस्वीर के पीछे की वजह को भी जानना बेहद…

कुछ आशाएं कुछ उम्मीदे वो भी सजा रही है | Mother’s Day Special

कुछ आशाएं कुछ उम्मीदे वो भी सजा रही है, जो तेरे जन्म का पीड़ा मुस्काते हुए उठा रही है, ऐ आँखें तू कोई ख्वाब मत देखना कभी, माँ तेरे आँखों में अपने सपने उतार रही है । जीना तू जीवन वैसा ही जैसा वो आस लगा रही है, माँ तुझे अपनी रियासत का राजकुमार बना रही है, आँखें मूंदे ही चलना तू उन रहो पर, अपने सपनो की लाठी पकड़ा कर तुझे अँधा बना रही है। वो ही पालन पोषण का तेरे जिम्मा उठा रही है, तुझ बेगाने से ममता…

प्रोफेसर राकेश कुमार खाण्डल | संक्षिप्त परिचय

#संक्षिप्त_वृत्त.. प्रोफ़ेसर खांडल का जन्म 06 सितंबर 1957 को एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ। रॉयल सोसाइटी ऑफ केमिस्ट्री, प्रोफेसर डॉ आर के खाण्डल, 2015 से काम कर रहे हैं और दुनिया में अपनी तरह की इकलौती कंपनी भारत ग्लाइकल्स लिमिटेड में अध्यक्ष (आर एंड डी) और बिजनेस डेवलपमेंट के रूप में काम कर चुके हैं। आदरणीय प्रोफ़ेसर खांडल कुलपति, उत्तर प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय (2012-2015) (वर्तमान नाम,;अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय लखनऊ) और निदेशक, श्रीराम इंस्टीट्यूट फॉर इंडस्ट्रियल रिसर्च, दिल्ली (2001-2012) का दायित्व भार भी संभाल चुके हैं। उन्होंने अपने कैरियर की…

युवाओं द्वारा शिक्षा, संस्कृति एवं तकनीकी ज्ञान के समन्वित प्रयोग की महती आवश्यकता – प्रोफ़ेसर खाण्डल

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद्, काशी प्रान्त कोरोना महामारी के दौरान सेवा कार्य के साथ-साथ व्याख्यानों की श्रृंखला आयोजित कर रहा है। इसी कड़ी में अभाविप काशी प्रान्त के कौशांबी जनपद द्वारा रविवार को जिला प्रमुख आयुष कुमार साहू के आग्रह पर युवाओं में शिक्षा, संस्कृति, संस्कार एवं तकनीकी ज्ञान विषय पर विद्वत, सामाजिक चिंतक अध्यक्ष (आर & डी) इंडिया ग्लाइकोल्स लिमिटेड, फार्मर वाइस चांसलर एकेटीयू,लखनऊ के प्रोफेसर (डॉ) राकेश कुमार खाण्डल ने अपना मत रखा। आधुनिकता की चकाचौंध में हमें अपनी संस्कृति, सभ्यता व संस्कारों को दरकिनार नहीं करना चाहिए।…

एमएसएमई सेक्टर में 90 लाख लोगों को रोजगार देगी योगी सरकार

हर इकाई में एक अतिरिक्त रोजगार सृजित करने का मुख्यमंत्री का निर्देश नई इकाई लगाने वालों के लिए शिथिल और पारदर्शी होंगे सारे नियम बैंकर्स देंगे हर इच्छुक उद्यमी को उदार शर्तों पर लोन, -आयोजित होंगे लोन मेले लखनऊ, 10 मई। उत्तर प्रदेश में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) का बेहद संपन्न इतिहास रहा है। हर जिले के खास उत्पाद (एक जिला एक उत्पाद) इसका सबूत है। अब इन्हीं एमएसएमई उद्योगों और एक जिला एक उत्पाद के जरिए सरकार करीब 90 लाख अतिरिक्त रोजगार के अवसर मुहैया कराएगी। मुख्यमंत्री…

श्रम कानून में बदलाव से किसके माथे पर आई शिकन ?

3 राज्य की सरकारों ने लेबर लॉ में बड़े परिवर्तन की घोषणा की। जो उद्योग और कारोबारियों के लिये किसी वरदान से कम नही। लेकिन इस बदलाव से श्रमिक यूनियन खुश नज़र नही आ रहे। दरअसल अब इन संगठनों को श्रमिकों के शोषण की चिंता सता रही है। आखिर क्या कह रहे ये संगठन? _संगठनों के मुताबिक उद्योगों को जांच और निरीक्षण से राहत देने का दूसरा मतलब कर्मचारियों के शोषण की सरकारी छूट _शिफ्ट और वर्क पीरियड में बदलाव की मंजूरी देने से बिना छुट्टी कई घंटे करने पड़…

सरकार ने रद्द किये 3 करोड़ राशन कार्ड, अब क्या होगा

देश में केंद्र और राज्य सरकार लॉकडाउन के दौरान गरीबों तक राशन पहुंचाने के लिए पूरी कोशिशें कर रही हैं। इसी बीच, सरकार ने एक ऐसा कदम उठाया जो आपको हैरान कर सकता है। दरअसल केंद्र सरकार ने पूरे देश में तकरीबन 3 करोड़ राशन कार्डों को रद्द कर दिया है। अब सवाल उठता है कि अखिर क्यो? दरअसल इसके पीछे वजह भी बेहद चौंकाने वाली हैं। पूरे देश में राशन कार्डों के डिजिटाइजेशन और आधार लिंकिन्ग के दौरान 3 करोड़ के करीब फर्जी राशन कार्ड पाए गए तो ऐसे में सरकार…

देश की अर्थव्यवस्था हुई बेपटरी, 3 राज्यों ने श्रम कानून में किये बड़े बदलाव

लॉकडाउन से समूचे विश्व की अर्थव्यवस्था पटरी से उतर गई है। इस समस्या से उबरने के लिए पूरा विश्व कोशिशों मे जुटा हैं। भारत में भी इस पर गम्भीरता से कदम उठाए जा रहे। बीते दिन पीएम मोदी ने भी सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से इस पर चर्चा भी की थी। ताकि उद्योग-धंधों को एक बार फिर से सावधानी के साथ शुरू किया जा सके। साथ ही तमाम मल्टीनेशनल कम्पनीज़ के लिये भारत में अवसर उप्लब्ध कराने की कोशिशों पर बात की। ऐसे में पीएम की इस चर्चा का असर…